हरिद्वार  :  (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) कांगड़ी गाजीवाला स्थित श्री कृष्ण परमधाम आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास 1008 स्वामी अकमानन्द जी महाराज ने कहा श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से मनुष्य के जन्मों जन्म के पुण्य का उदय हो जाता है और उसके पूर्वजों को सद्गति प्राप्त होती है श्रीमद् भागवत कथा अति पावन कल्याणकारी फलदायी कथा है जिस प्रकार भगवान राम नाम के तीन अक्षरों में यह संपूर्ण सकल संसार समायोजित है जिस पर कृपा राम की हो वह पत्थर भी तर जाते हैं इस संसार में भगवान श्री हरि के अवतार भगवान राम के नाम की महिमा बड़ी ही अपरम्पार है भगवान के साथ उनके कार्य में हनुमान जी के साथ छल करने हेतु छद्म रूप रख पहाड़ों के बीच सरोवर के किनारे राम नाम की महिमा का गुणगान करने वाले असुर कालनेमि ने हनुमान जी का मार्ग अवरुद्ध करने हेतु राम नाम की महिमा गाई किंतु अंतिम समय में हनुमान जी द्वारा पहचान लियें जाने पर हनुमान जी की गदा के प्रहार से परलोक चला गया उसके लियें स्वर्ग के दरवाजे रात्रि में भी खोल दिये गये क्योंकि भले ही छल के लिये ही सही किंतु उसने कुछ पल राम नाम की महिमा गाई गुरु की आज्ञा पाकर माता शबरी ने सदियों तक राम की बाट देखी और रोज उनके लियें फूलों से मार्ग को सजाया एक दिन भगवान राम को उनकी पुकार सुन उनकी कुटिया में उन्हें दर्शन देने जाना पड़ा भक्ति बड़ी ही अनमोल होती है वह किसी भी स्वरूप में की जाये फलदाई होती है राम नाम की महिमा बड़ी ही अपरम्पार है अंतिम समय में रावण ने राम का नाम पुकारा अंतिम समय में पुतना ने भगवान कृष्ण का नाम पुकारा अंतिम समय में तड़का ने भगवान राम का नाम पुकारा ऐसे ही अनेकों उदाहरण है उन्हें सत्य के मार्ग पर आना पड़ा क्योंकि राम नाम सुखदाई भजन करो भाई यह जीवन दो दिन का जिसने जीवन के अंतिम पल में भी भगवान राम का नाम ले लिया हो उसके लिये स्वर्ग और बैकुंठ दोनों के दरवाजे खुल जाते हैं इसलिये जब भी समय मिले अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में धर्म-कर्म दान सत्कर्म पूजा पाठ करो यही आपको भवसागर पार करायेंगे कथा का आयोजन श्री सुरेंद्र कुमार जैन श्रीमती निशा जैन द्वारा कराया गया

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