रुद्रप्रयाग : बद्री गाय के गोबर से बने उत्पादों का निर्माण करने का प्रशिक्षण दिया गया
एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) रुद्रप्रयाग द्वारा आयोजित जनपद के मेदनपुर गांव में उधमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में 29  ग्रामीण महिलाओं को बद्री गाय के गोबर से बने विभिन्न उत्पादों जैसे कि धूप, अगरबत्ती, समरानी कप, फैंसी कैंडल्स और रंगोली रंग आदि का निर्माण करने का प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक किशन सिंह रावत ने कहा, हमारा उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। हमें उम्मीद है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार के नये आयाम स्थापित करेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान लीड बैंक मैनेजर चतर सिंह द्वारा महिलाओं को वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता और बैंकिंग सेवाओं के बारे में जानकारी दी गयी और बैंक की विभिन्न बीमा योजनाओ के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मास्टर टेनर आशा नेगी द्वारा विभिन्न लोकल प्रोडक्ट जिसमें मुख्यतः बद्री गाय के गोबर से निर्मित धूप, समरानी कप, दिये, ज्योत बत्ती, गमले आदि तैयार करवाये गये। साथ ही विभिन्न फैंसी मोमबत्ती व लोकल सामग्री से रंगोली के कलर भी तैयार करवाये गये। प्रशिक्षण के समापन पर महिलाओं ने कहा, ‘‘हमें यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा। हमें उम्मीद है कि हम अपने द्वारा निर्मित लोकल उत्पादों को बाजार में बेचकर अपनी तथा अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार करेंगे।‘‘ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु आरसेटी द्वारा चलाये जाने वाले निःशुल्क कार्यक्रम बहुत ही लाभप्रद है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उपासक  नंद किशोर थपलियाल द्वारा सभी प्रशिक्षणाथियों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सम्बध में जानकारी दी गयी और जिले में सहकारी समितियों के कार्यो व ग्रामीणों को उनके द्वारा प्राप्त लाभ के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपासक से नंद किशोर थपलियाल, ब्लाक मिशन मैंनेजर मुकेश राणा, रीप से सतीश भट्ट, आरसेटी संकाय भूपेंद्र सिंह रावत, प्रवीण, लक्ष्मण सजवान, स्वेता देवी, अंजना देवी, रितु, कंचन, शांति देवी, दीपा देवी, सरिता देवी, चैता देवी आदि उपस्थित थे।

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