हरिद्वार :  (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) श्यामपुर स्थित श्री श्याम बैकुण्ठ धाम में परम पूज्य गुरुदेव श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने भक्तजनों के बीच अपने श्रीमुख से ज्ञान की वर्षा करते हुए कहा ईश्वर और प्रकृति दोनों मिलकर हमारे जीवन का संवर्धन करते हुए हमें इस पृथ्वी पर आने का कारण समझाते हैं हमें मानव शरीर मिलने का मतलब यह है कि ईश्वर ने हमें किसी विशेष कार्य के लियें चुना है तथा उस कार्य को पूर्ण करने के लियें मानव शरीर दिया है अन्यथा इस पृथ्वी पर करोड़ जीव विचलन कर रहे हैं किंतु उन सब में मनुष्य जीवन सबसे श्रेष्ठ है ईश्वर ने सभी को कोई ना कोई विशेष गुण प्रदान किया है इस संसार में जो भी आया है वह कोई ना कोई विशेष कार्य करने के लियें आया है इसलिये खुद को समय रहते पहचानो और उस ईश्वर के द्वारा दिखाये हुए विशेष गुण को पहचानते हुए अपने मानव जीवन को सार्थक करो आपको ईश्वर ने जो गुण दिया है उसके माध्यम से अपने मानव जीवन को सार्थक बनाओ इन सब में हमारे सतगुरु का मार्ग दर्शन पावन है हमारे ज्ञान चक्षु खोलने में हमारी मदद करता है सतगुरु के मार्गदर्शन के बिना इस पृथ्वी पर ईश्वर का भी कार्य सफल नहीं हो पता है इसलिये सतगुरु के बतायें मार्ग पर चलें सतगुरु द्वारा दिखाया गया मार्ग आपके जीवन को सार्थक कर देगा आपके मानव जीवन को धन्य कर देगा और इस सृष्टि में एक विशेष व्यक्तित्व के रूप में आपकी पहचान होगी दूसरे लोग आपके जीवन से प्रेरणा लेंगे सिर्फ आवश्यकता है अपने गुण को पहचानने की और अपने आप को पहचानने की जिस प्रकार बिना हनुमान जी के भगवान राम से मिल पाना संभव है इसी प्रकार खुद अपनी प्रतिभा को गुरु के मार्गदर्शन के बिना पहचान पाना असंभव है सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर हमारे सच्चे मार्गदर्शक जो हमें ज्ञान का बोध कराते हुए हमारे ज्ञान का संवर्धन करते हुए हमारे मानव जीवन को पत्थर से मूर्ति में जैसे शिल्पकार मूर्तिकार कला के माध्यम से एक सुंदर आकृति रूप दे देते हैं इसी प्रकार गुरु हमारे सोये हुए भाग्य को धर्म-कर्म के माध्यम से जागृत कर उसमें ज्ञान का संवर्धन कर मानव जीवन को धन्य कर देते हैं जिस लिए हमारा पृथ्वी पर जन्म हुआ है उन उपलब्धियां तक पहुंचने के गुरु ही वह भव मार्ग है गुरु ज्ञान के माध्यम से हमारे मस्तिष्क पटल में ज्ञान का उदय कर उसमें सार्थकता भर देते प्रतिभा का उदय कर देते

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