आज दिनांक 4 अप्रैल 2025 को माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कर्मचारी संगठन ने संस्कृत शिक्षा निदेशक डॉ आनंद भारद्वाज जी से शिष्टाचार भेंट की ।
संघ ने प्रदेश में द्वितीय राजभाषा संस्कृत के माध्यम से संचालित संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अध्यनरत छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप अशासकीय संस्कृत विद्यालयों की भौतिक एवं शैक्षिक संरक्षण को पुनर्गठन किये जाने के संबंध में पांच सूत्रीय मांग पत्र दिया । संगठन ने संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में पद सृजन का प्रस्ताव जो पूर्व में निदेशालय के माध्यम से शासन को प्रेषित किए गया है उस प्रस्ताव पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया जिससे कि संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों का संचालन ठीक से किया जा सके,साथ ही संस्कृत शिक्षा अधिनियम 2023 के संशोधन का प्रस्ताव जो कि अभी तक लटका हुआ है उसे तत्काल संशोधित कर संस्कृत विद्यालय एवं छात्र हित में यथाशीघ्र जारी करने का आह्वान निदेशक संस्कृत शिक्षा से किया। माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कर्मचारी संगठन ने यह भी मांग उठाई कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में पीटीए शिक्षकों के समान शासनादेशों के समरूप संस्कृत शिक्षा विभाग के सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में भी मानदेय प्राप्त प्रबंधकीय शिक्षकों को तदर्थ के दायरे में लाया जाना न्याय संगत होगा साथ ही प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत,संस्कृति एवं संस्कृत शिक्षा के संरक्षण संवर्धन में समर्पित संस्कृत विद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे ऐसे शिक्षक जिन्हें कहीं से भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है उन्हें भी राज्य सरकार से मानदेय दिए जाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया एवं वित्त विहीन संस्कृत विद्यालयों को अनुदान श्रेणी में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव रखा जिस पर निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉक्टर आनंद भारद्वाज ने सकारात्मक परिचर्चा की एवं समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर पर समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया इस अवसर पर संगठन के संरक्षक सुरेंद्र दत्त भट्ट, डॉ ओम प्रकाश पूर्वाल, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ नवीन चंद्र पंत, प्रदेश महामंत्री डॉ जनार्दन प्रसाद कैरवान, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोज कुमार द्विवेदी उपस्थित रहे।