राष्ट्रमंडल सचिवालय ने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और मॉनिटरिंग प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) को स्मार्ट सरकार के लिए एक अत्याधुनिक शिकायत निवारण प्रणाली के रूप में मान्यता दी। राष्ट्रमंडल सचिवालय ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) को लंदन के मार्लबोरो हाउस में 22-24 अप्रैल, 2024 तक होने वाली तीसरी द्विवार्षिक पैन-कॉमनवेल्थ लोक सेवा प्रमुखों/सचिवों की कैबिनेट बैठक में एक प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया था। तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय “सेवा वितरण में सुधार के लिए स्मार्ट सरकार का संस्थागतकरण” रखा गया है। इसमें शासन तंत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बैठक में राष्ट्रमंडल के लगभग 50 सदस्य देश भाग ले रहे हैं।

लंदन के मार्लबोरो हाउस में 22-24 अप्रैल, 2024 को राष्ट्रमंडल लोक सेवा प्रमुखों/सचिवों की कैबिनेट बैठक

केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर भारत की ओर से 23 अप्रैल, 2024 को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति को वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास के रूप में राष्ट्रमंडल सदस्य देशों से सराहना मिली है। राष्ट्रमंडल की महासचिव, सुश्री पेट्रीसिया स्कॉटलैंड केसी ने कहा, “सीपीजीआरएएमएस एक अत्याधुनिक शिकायत निवारण प्रणाली है और स्मार्ट सरकार का सर्वोत्तम अभ्यास है। राष्ट्रमंडल के शेष 1.2 अरब नागरिक प्रौद्योगिकी मंच को अपनाने से लाभ उठा सकते हैं इसी तरह भारत के 1.4 अरब नागरिक लाभान्वित हुए हैं।”

राष्ट्रमंडल देशों के सदस्य देशों ने अपने देशों में एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली की प्रासंगिकता को भी देखा। राजदूत एंथनी मुचिरी; केन्या के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ज़ेना सैयद अहमद, तंजानिया में सेवाओं के स्थायी सचिव पैट्रिक कांगवा; जाम्बिया के कैबिनेट सचिव एम्मा पेलोएटलेट्स, बोत्सवाना की स्थायी सचिव और अन्य कैबिनेट सचिव, स्थायी सचिव, और युगांडा, मालदीव और ग्रेनाडा के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया। उन्होंने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली को एक महत्वपूर्ण सुधार और परिवर्तनकारी शासन के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में रेखांकित किया।