देहरादून : उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण व समान कार्य समान वेतन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर राज्य सरकार ने प्रदेश के बाईस हजार कर्मचारियों व उनके परिवारों के साथ विश्वासघात किया है यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ११ नवंबर को ही प्रदेश भर से आए हजारों उपनल कर्मचारियों ने सचिवालय कूच के दौरान अपने अनिश्चितकालीन हड़ताल के फैसले को राज्य के मुख्य सचिव के द्वारा वार्ता के दौरान केदारनाथ उप चुनाव में लगी आचार संहिता का हवाला देते हुए कोई घोषणा करने में असमर्थता जताने व आगामी २५ नवंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय वार्ता उपनल मामले में करवाने के लिखित आश्वाशन के बाद स्थगित की किंतु दो दिन बाद ही सरकार ने जिस प्रकार से एक बार फिर से उच्चतम न्यायालय में १५ अक्टूबर के फैसले के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय किसी वो विश्वासघात से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा वर्ष २०१९ में नियमितीकरण व समान कार्य के लिए समान वेतन का जो आदेश था उसके विरुद्ध सरकार की याचिका जब एक बार उच्चतम न्यायालय खारिज कर चुका है तो ऐसे में राज्य की सरकार को इस विषय को अपनी प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाना चाहिए और माननी उच्च न्यायालय के आदेश के प्रकाश में उपनल कर्मचारियों के चरणबद्ध समायोजन की नीति बना कर कर्मचारियों के हित में कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा जिस दिन राज्य सरकार की याचिका खारिज की गई थी उसके अलगले दिन ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनसे उपनल कर्मचारियों के समायोजन के लिए एक दीर्घकालीन नीति बना कर उनके नियमितीकरण की मांग की थी और मुख्यमंत्री श्री धामी ने उनको सकारात्मक आश्वासन दिया था किंतु अब जबकि सरकार एक बार पुनः पुनरीक्षण याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाल चुकी है तो गेंद पूरी तरह से मुख्यमंत्री के पाले में आ गई है और अब २५ नवंबर को होने वाली बैठक में उनको सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए अपनी नीति की घोषणा करनी चाहिए।
श्री धस्माना ने कहा कि अब प्रदेश के उपनल कर्मचारी भाजपा सरकार की कर्मचारी विरोधी मानसिकता को समझ गए होंगे । श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य के उपनल कर्मचारियों के साथ मजबूती से खड़ी है और अगले सप्ताह राज्य के राज्यपाल से मुलाकात कर उनसे राज्य सरकार को निर्देशित करवाने का आग्रह करेगी। श्री धस्माना ने कहा कि अगर सरकार ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो उपनल कर्मचारियों के पक्ष में कांग्रेस सड़कों पर उतरा जाएगा।
श्री धस्माना ने बीते सोमवार की अर्धरात्रि में कौलागढ़ रोड पर ओएनजीसी चौराहे पर हुए भीषण सड़क हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि राजधानी देहरादून जिसे भाजपा सरकार स्मार्ट सिटी कहती है उसकी स्मार्टनेस का अंदाजा इसी से लग जाता है कि शहर के प्रमुख चौराहों पर व मुख्य मार्गों पर लगे अधिकांश सीसी टीवी कैमरे खराब पड़े हैं और प्रमुख चौराहों पर रात्रि गश्त व सुरक्षा व्यवस्था ना के बराबर हैं । श्री धस्माना ने कहा कि शहर में अंधाधुंध शराब की दुकानें, बार,पब व नाइट क्लब खोल दिए गए हैं जहां देर रात तक शराब पड़ोसी जाती है व उसके बाद रात भर शहर की अधिकांश सड़कों पर शराबियों का तांडव होता है। श्री धस्माना ने कहा कि रोजाना ओवर स्पीड के कारण सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और लोग अपनी जान गंवाते हैं किंतु पुलिस प्रशाशन सोया रहता है।
श्री धस्माना ने शहर भर के अभिभावकों को अपने बच्चों को काउंसिल कर शराब व नशे से दूर रहने व वाहन ओवर स्पीड न चलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए नहीं तो कल जैसी दुर्घटना किसी के साथ भी घट सकती है।