पिथौरागढ़ :    जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार साय: को जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति (डीएलआरसी) और आरसेटी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई ।

 

बैठक में जिलाधिकारी ने बैंकों द्वारा लगाए गए वित्तीय साक्षरता शिविर, डिजिटल बैंकिंग, सीडी रेश्यो, बैंकिंग सुविधाओं के साथ ही सरकार द्वारा प्रायोजित स्वरोजगार में ऋण आवंटित करने संबंधी जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्य प्रगति में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैंक एवं संबंधित विभागो के अधिकारी आपस में समन्वय बनाते हुए प्राप्त आवेदनों को लंबित न रखते हुए समय पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।

 

इसके साथ ही आरसेटी के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान डीएम ने बैंकों की वार्षिक ऋण योजना की प्रगति की जानकारी लेते हुए डाटा मिलान को लेकर आरबीआई को विश्लेषण करने को कहा। जिन बैंकों का सीडी रेश्यो कम है। उन्हें कार्य योजना बनाकर ऋण जमा अनुपात में सुधार लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन,प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो), वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की गहनता के साथ समीक्षा करते हुए कहा कि यह योजनाऐं सरकार की महत्वपूर्ण योजनाऐं है तथा जिन बैंकों में महत्वपूर्ण योजनाओं के सापेक्ष ऋण स्वीकृति लंबित है वह तत्काल ही उसको पूरा करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी श्री गोस्वामी ने समीक्षा करते हुए पाया कि वार्षिक ऋण योजना के तहत ऋण जमा अनुपात कम होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित बैंकर्स को जनपद की भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करते हुए लाभान्वित कर ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बैंक अनटच्ड सेक्टर को केंद्र बिंदु बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कृषि विभाग, उद्योग विभाग ,पर्यटन विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों की योजनाओं का अपने-अपने स्तर से प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बैंकर्स के साथ ऋण जमा अनुपात,सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजना के अंतर्गत ऋण वितरण एवं आरसेटी द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली।

बैठक में बैंकर्स से सम्बन्धित विभिन्न एजेंडा बिंदू पर चर्चा की गई जिनमें 40 प्रतिशत से कम ऋण जमा अनुपात वाले बैंकर्स को ऋण जमा अनुपात में इजाफा करने के निर्देश दिए,वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋण जमा अनुपात की समीक्षा के दौरान लीड बैंक अधिकारी ने बताया कि जिले का ऋण जमा अनुपात रिजर्व बैंक के मानक 40 प्रतिशत लक्ष्य के सापेक्ष कम है। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी प्रकट की गई तथा बैंकर्स को ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए गए। इसके साथ-साथ जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को बैंक में नया विभागीय खाता खोलने से पूर्व सीडीओ अथवा उनसे पूर्व में स्वीकृति लेने पर ही खाता खोलने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि बैंक अपनी मासिक प्रगति रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी के सम्मुख प्रत्येक माह में रखना सुनिश्चित करें।

बैंकों द्वारा ऋण वितरण कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बैंकर्स को निर्देश दिए कि बैंकों में ऋण आवेदनों को लंबित न रखा जाय या तो आवेदनों को स्वीकृत किया जाए या फिर अस्वीकृत करने की स्थिति में उसका आधार भी संबंधित विभाग को बताया जाए।

किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने संबंधी कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बैंकर्स को निर्देश दिए कि निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के अनुसार किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड तेजी से बनाये जायें व समस्त बैंक अधिक से अधिक किसानों को के.सी.सी.से लाभान्वित करे इस हेतु जिलाधिकारी ने बैंकर्स को निर्देश दिए कि वे शिविर लगाकर अधिक से अधिक इच्छुक एवम पात्र किसानों को के. सी. सी. प्रदान कर योजनांतर्गत लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि दुग्ध संघ, पशुपालन, मत्स्य आदि विभागों द्वारा प्रेषित आवेदनों के सापेक्ष बैंकों द्वारा कितने किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए हैं इसका ब्यौरा बैंकर्स से एकत्रित किया जाए ताकि पता चल सके कि बैंकों द्वारा कितने किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण वितरण कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बैंकर्स को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लंबित ऋण आवेदनों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए ताकि इस योजना के अंतर्गत ऋण हेतु आवेदन करने वाले आवेदनकर्ता शीघ्र ही अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि जनपद के सीमांत गावों तक सड़क कनेक्टिविटी तथा टेलीफोन कनेक्टिविटी पहुंचने से वहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं विकसित हुई है उन क्षेत्रों में ग्रामीण होमस्टे के माध्यम से अपनी आजीविका चला कर निरंतर वृद्धि कर रहे हैं उन्होंने बैंकर्स को होमस्टे पर्यटन के क्षेत्र में अधिक से अधिक ऋण देने के निर्देश दिए।

आरसेटी के प्रशिक्षण कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद के इच्छुक व्यक्तियो को रोजगार से सम्बन्धित कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि लोग इन कार्यों में दक्ष होकर स्वरोजगार से जुड़ सकें। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने वर्तमान में हो रहे वित्तीय साइबर फ्रॉड से बचने के लिए बैंकों को सभी आठ विकासखंडों में शिविर के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए तथा उन्होंने कहा की बैंक विभिन्न स्थलों पर बैनर लगाकर वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के उपाय तथा हेल्पलाइन नंबर भी प्रदर्शित कर बैनर लगाना सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 दीपक सैनी, जिला लीड बैंक अधिकारी एन. आर. जोहरी,एजीएम आर.बी.आई परमदीप सिंह, डीडीएम नाबार्ड राकेश सिंह कनियाल, डायरेक्टर एसबीआई आरसेटी गजेंद्र सिंह, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कविता भगत, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य, सहायक निदेशक मत्स्य रमेश चलाल के अतिरिक्त संबंधित बैंकर्स एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

 

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