नशीले पदार्थों की रोकथाम और आम जनमानस को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई।

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि नशे की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए सक्रियता के साथ अभियान चलाया जाए। उच्च शिक्षण संस्थाओं में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराए। विद्यालयों में गठित एंटी ड्रक्स कमेटी को सक्रिय करें। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मेडिकल स्टोरों, बुक विक्रेता व दुकानदारों पर कड़ी निगरानी रखने के साथ शिक्षा विभाग को विद्यालयों में मादक पदार्थों के सेवन से ग्रसित छात्रों के नियमित परामर्श हेतु विद्यालय स्तर पर कमेटी का गठन किये जाने और कमेटी द्वारा छात्रों की काउंसलिंग करवाने के निर्देश दिए गए। समाज कल्याण विभाग को नशे में लिप्त व्यक्तियों की काउंसलिंग के लिए काउंसलर एवं उपचार हेतु मनोचिकित्सक की व्यवस्था करने की कार्यवाही करनें तथा बढ़ती नशाखोरी को रोकने के लिए स्वैच्छिक संस्थाओं का सहयोग प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया। वन तथा राजस्व विभाग के अधिकारी को अपने बीट कांस्टेबल तथा ग्राम प्रहरियों को गश्त के दौरान भांग, पोस्त, खसखस की खेती करने वालों पर नजर रखने हेतु व आबकारी अधिकारी तथा आबकारी निरीक्षकों को अपने क्षेत्र की शराब की दुकानों पर औचक निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत इस वर्ष पंजीकृत अभियोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नशाखोरी की रोकथाम के लिए एनकॉर्ड व एएनटीएम सदस्यों एवं ग्राम चौपालों के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। बैठक में सीओ पुलिस नताशा सिंह, एसीएमओ डा.एमएस खाती, सीएओ वीपी मौर्य, समाज कल्याण अधिकारी धनंजय लिंगवाल सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।