हरिद्वार प्रेस क्लब पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी प्रेस क्लब द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल होकर पत्रकारिता और कई सामाजिक मुद्दों पर अपनी बात रखी इससे पहले प्रेस क्लब अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी एवं महामंत्री दीपक मिश्रा ने स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजेंद्र चौधरी ने कहा कि निष्ठा ईमानदारी से निष्पक्ष पत्रकारिता करना भी संकट के दौर से गुजर रहा है। लोकतंत्र में पत्रकारिता को जीवित रखने का दायित्व पत्रकार समाज पर है। उन्होंने पत्रकारों पर हो रहे हमले की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि अनियंत्रित होती नौकरशाही के कारण नैतिक मूल्य तहस-नस हो रहे हैं। अपनी बातों को कहते हुए राजेंद्र चौधरी ने कहां मेरा संबंध पत्रकारिता और हरिद्वार से बरसों पुराना है मुझे याद है कि एक बार हरिद्वार के पत्रकारों के साथ प्रशासन द्वारा दुर्व्यवहार किया गया था तब मुझे सुनील पांडे जी ने कहा कि यहां पर पत्रकारों का आंदोलन चल रहा है आपके यहां आना चाहिए 

उसे समय आंदोलन में भी शामिल हुआ था मैं यह मानता हूं कि उत्तराखंड और हरिद्वार का समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव जी का भावनात्मक संबंध है हरिद्वार एक धार्मिक स्थान है और यहां आप लोग पत्रकारिता में काम करते हैं यह एक महत्वपूर्ण है समाजवादी पार्टी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का यह मानना है की पत्रकारिता निष्पक्ष होनी चाहिए उसके ऊपर कोई दबाव न हो किसी भी तरह का लोकतंत्र में और भी जरूरी है की पत्रकारिता जीवित रहनी चाहिए डॉक्टर लोहिया यह मानते थे कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन निकट वर्षों में यह संकट पैदा हुआ है जो पत्रकार हैं और ईमानदारी से पत्रकारिता करना चाहते हैं उनके सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं अभी उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की हत्या की गई उत्तराखंड में भी कुछ घटना हुई होगी लेकिन उत्तर प्रदेश में कुछ ज्यादा घटना हुई है समाजवादी पार्टी संविधान के प्रति पूरी निष्ठा रखती है और जितनी भी व्यवस्था है वह संविधान के अनुसार चलनी चाहिए राजनीति में संविधान और जनता सब परी है सत्ता प्रतिष्ठान एक माध्यम है संविधान के अनुसार काम करने का और जनता के हित में काम करने का सबसे बड़ा खतरा समाज के सामने नफरत के रूप में पैदा किया जाता रहा है पत्रकारों का सम्मान करना निष्पक्ष काम वो कर सकें उनका हौसला बढ़ाना यह संवैधानिक जिम्मेदारी है चाहे वह सत्ता में हो या सत्ता के बाहर हो मुझे यह भी याद है 1974 में छात्र नौजवानों का जो आंदोलन था जो बाद में आपातकाल पर परिवर्तन हुआ उसे समय जयप्रकाश नारायण जी थे लोकतंत्र पर हमला होता है तो आम नागरिक पर हमला होता हैं लोकतंत्र पर हमला होगा तो स्वतंत्रता पर हमला होगा लोकतंत्र पर हमला होगा तो संविधान पर हमला होगा भारत एक ऐसा देश बनने जा रहा है जहां कोई भी कभी भी लोकतंत्र को खतरा बन सकता है अगर सत्ता के जरिए लोकतंत्र को खतरा होता है तो पत्रकारों की जिम्मेदारी हो जाती है कि वह सत्ता को चुनौती दें और समाज को एक मैसेज दें कि लोक लोकतंत्र का जो चौथा स्तंभ उसमें पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है आज हालात बदले बदले से हैं और इसमें पत्रकारों की और भी जिम्मेदारी है आम नागरिकों का भी जीवन संकट में और यह भी खतरनाक भ्रष्टाचार को प्रसारित किया जा रहा है सत्ता में जो लोग बैठे हैं वह यह समझते हैं कि वही संविधान को चलाएंगे वही लोकतंत्र को चलाएंगे वही जनता को भी हकेंगे वही पत्रकारों को भी दिशा निर्देश देंगे यह कैसे संभव हो सकता है

 

इस दौरान सपा नेता महंत शुभम गिरी ने राजेंद्र चौधरी, प्रो.बी.पांडेय को चित्र प्रदान किया। सपा शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनेंद्र मिश्र, उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डा.राजेंद्र पाराशर मशकुर कुरैशी, महेन्द्र यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष लव कुमार दत्ता, पूर्व प्रदेश महासचिव महंत शुभम गिरी, नरेन्द्र गुर्जर, जयराम सैनी, नैन सिंह, सपा छात्र सभा पूर्व महानगर अध्यक्ष कपिल शर्मा जौनसार आदि सपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। प्रेस क्लब के सुनील पाल, राहुल वर्मा, अमित शर्मा, रोहित सिखौला, दीपक नौटियाल, सुनील दत्त पांडेय, ललितेंद्रनाथ, आशीष मिश्रा, नरेश गुप्ता, मयूर सैनी मौजूद रहे

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