हरिद्वार : (पत्रकार परवीन कश्यप ) सिख धर्म के अंतर्गत निहंग समाज संत श्रेणी में आता है किंतु एक समाज का उपेक्षित भाग बनकर रह गया है आज निहंगों को संगठित तथा पोषित किये जाने की आवश्यकता है निहंग देश और समाज पर मर मिटने वाले देश के वीर सपूत हैं उन्हें संगठित तथा संरक्षित किये जाने कि आज समाज में आवश्यकता है निहंगों की संख्या दिन प्रति दिन घटती जा रही है उन्हें उपेक्षित भाग मान लिया गया है धर्म और सरकार को चाहिये साधु संत ऋषि मुनियों की तरह निहंग समाज को भी संगठित तथा पोषित किया जावे क्योंकि सत्य के मार्ग पर चलते हुए सतगुरु को समर्पित निहंगों को समाज में यथा सम्मान दिया जाना आवश्यक है