हरिद्वार :  (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) ब्रह्मपुरी स्थित श्री वशिष्ठ सप्त ऋषि दूधाधारी आश्रम मे अपने श्री मुख से ज्ञान की वर्षा करते हुए परम पूज्य श्री महंत जयरामदास महाराज ने राम नाम की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा रामनवमी का पावन पर्व बड़ा ही परम सुखदायी तथा फलदायी है हमारे पावन वेदों में भगवान से मिलन का भेद छिपा है भगवान राम के नाम में बड़ी शक्ति है राम नाम की महिमा बड़ी ही अपरम्पार है लंका पति रावण के भाई विभीषण ने राम नाम का भजन किया अमरता प्राप्त की राजा बलि ने भगवान विष्णु की महिमा को समझा और अमर हो गये ऐसे अनेक उदाहरण हमारे धर्म ग्रंथो में उल्लेखित हैं कुछ छिपे हुए तथ्य जो अति दुर्लभ ग्रंथो में प्राप्त होते हैं भगवान राम से विरोध लेने वाले लंका पति रावण के परिवार में विभीषण से भी बड़ा एक और राम भक्त था जिनका नाम सुलोचना था सुलोचना रावण के पुत्र मेघनाथ की पत्नी थी और रावण की पुत्रवधू थी सुलोचना भगवान राम की भक्ति करती थी इसलिये लक्ष्मण से युद्ध करते समय कई बार विजय श्री ने उनके कदम चूमे क्योंकि राम नाम की माला फेरने वाली उनकी पत्नी सुलोचना जब तक राम नाम का जप करती थी जब तक उनके पति मेघनाथ संध्या काल को घर वापस नहीं आ जाता था जब रावण को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने उनके राम नाम के भजन में बाधा उत्पन्न की और उनकी भक्ति माला में भजा जा रहा राम नाम जबरदस्ती बदं करा दिया राम नाम का सुरक्षा चक्र सुलोचना के जप के कारण जो मेघनाथ की रक्षा कर रहा था वह कवच टूट गया और उसे मृत्यु का वर्ण करना पड़ा किंतु अगर सुलोचना का राम नाम का जाप रावण द्वारा जबरन बदं न कराया गया होता तो राम नाम का सुरक्षा चक्र मेघनाथ की मृत्यु न होने देता भले ही वह राम का विरोधी था और भगवान राम और लक्ष्मण से युद्ध कर रहा था किंतु राम नाम की शक्ति उसे बार-बार बचा रही थी राम भक्त सुलोचना का संकट के समय राम जप टूटने से मेघनाथ को मृत्यु प्राप्त हुई भगवान राम के नाम में इतनी शक्ति है कि अगर दुश्मन भी भगवान राम का नाम भजता है तो उसकी भी राम का नाम संकट में विपता हर लेता है चाहे वह भगवान राम के विरोध में ही क्यों न खड़ा हो किंतु हट धर्मिता किसी भी सुरक्षा चक्र को तोड़ सकती है जब रामेश्वरम में भगवान शिव के स्वरूप शिवलिंग की स्थापना की थी तो वचन में बंध कर रावण को शिवलिंग की स्थापना पूजा करने आना पड़ा प्रकृति की गोद में अनेकों रहस्य छिपे हुए हैं अगर कुछ सत्य और सारस्वत है तो वह है भगवान राम का नाम चाहे भजन करो या पुस्तिका में लिखो सभी रूप में परम कल्याणकारी है राम की भक्ति किसी भी स्वरूप में की जाये अति पुण्यदायी तथा फल प्रदान करने वाली किंतु भगवान राम को प्राप्त करने के लिये हनुमान जी को मनाना होगा राम ना मिले हनुमान के बिना इस अवसर पर बजरंगदास महाराज दयाराम दास महाराज पंडित भवन पंथ बॉबी पंथ श्रीमती भगवती श्रीमती ईश्वरी देवी सहित अनेको लोग उपस्थित थे इस अवसर पर महाराज जी ने भक्तों के साथ मिलकर विधि विधान से कन्या पूजन किया कन्याओं को भोजन कराया विधि विधान से पूजा अर्चना की

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