हरिद्वार : (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद ) इतिहास पन्नों पर नही इतिहास धरती पर लिखा जाता है यह कहावत साबित की है पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के विद्यार्थी डॉ. धीरज शर्मा सुपुत्र पंडित श्री सुभाष शर्मा ने आयुर्वेदिक दवाई का पेटेंट करवा कर पूरे विश्व मे आयुर्वेद के नाम को रौशन किया है वार्तालाप के दौरान डॉ. धीरज शर्मा ने बताया कि उन्होंने आयुर्वेद की जड़ी बूटियों से एक ऐसी दवाई बनाई है जो कि बाह्य रक्तस्राव को तुरंत रोक देती है और घाव को बहुत जल्दी भर देती है तथा जो अनेको प्रकार के त्वचागत रोग होते है उनमें भी उसका बहुत अच्छा प्रभाव है जब रोगियों पर इसका परीक्षण किया गया तब बिना किसी साइड इफेक्ट्स के इसका बहुत अच्छा परिणाम आया डॉ. धीरज शर्मा ने बताया कि यह दवाई बहुत अच्छा काम करती है यह पूर्णत्या प्राकृतिक है और इसके प्रयोग के दौरान शरीर मे किसी भी प्रकार का कोई भी साइड इफेक्ट्स उत्पन्न नही होता इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी कैमिकल प्रयोग नही किया गया और सबसे बड़ी बात हम इसे हम पशुओं में भी इसका आसानी से प्रयोग कर सकते है डॉ. धीरज शर्मा ने बताया कि इस दवाई का पेटेंट करवाने में तकरीबन 1 वर्ष से भी अधिक का समय लग गया इस का नाम पेंटा- ओस है जो कि भगवान शिव के नाम पर रखा गया है आधुनिक भाषा अनुसार पेंटा मतलब पाँच और ओस मतलब मुख अर्थात जिसके पाँच है वह मुख भगवान शिव है हम यह कह सकते है कि इस दवाई का नाम पूर्णतया भगवान शिव को समर्पित है यह दवाई मानव जगत एवम जन्तु जगत के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी डॉ. धीरज शर्मा ने आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान का विश्लेषण करते हुए कहा है कि आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से हम रोगों का पूर्णतया निर्मूलन कर सकते है एवम लोगो को सुखमय निरोगमय जीवन प्रदान कर सकते है आयुर्वेद को हम सभी हमारे दैनिक जीवन मे प्रयोग करके हम वैश्विक स्तर पर आरोग्यता की प्राप्ति कर सकते है