112 के माध्यम से संजय निवासी ताशीपुर द्वारा सूचना दी गई कि 11:00 बजे के आसपास ताशीपुर रोड में किन्ही अज्ञात बाइक सवार दो बदमाशों ने शिकायतकर्ता के सिर पर डंडे से वार किया और ₹22000 लूट लिए। डंडे के वार के कारण वह अपनी बाइक सहित खेत के किनारे गिर गया और बेहोश हो गया। जब वह होश में आया तो उसने खुद को भार्गव अस्पताल रुड़की में पाया और पुलिस को सूचना दी।

सूचना मिलने पर प्रभारी निरीक्षक मंगलौर अमरचंद शर्मा पुलिस बल के साथ पूछताछ के लिए शिकायतकर्ता संजय के घर पहुंचे और घटनास्थल की जांच पड़ताल की गई तो प्रकरण संदिग्ध प्रतीत हुआ। मामले में शक की एक वजह ये भी थी कि घर पर रोजमर्रा की तरह साधारण माहौल था।

मौके के गवाहों और शिकायतकर्ता को अस्पताल ले जाने वाले लोगों के साथ-साथ शिकायतकर्ता को गहन पूछताछ हेतु थाने लाया गया। काफी देर पूछताछ करने से यह बात निकल कर सामने आई के संजय और अस्पताल ले जाने वाले उसके अर्चित ने लूट की झूठी सूचना देने का प्लान बनाया क्योंकि जो पैसे कमेटी से एकत्र करके बैंक में जमा करने के लिए ले जाने थे उसमें से आधे पैसे संजय एक दो दिन पूर्व सट्टे में गंवा चुका था। झूठी सूचना देने का उद्देश्य यही था कि भावना में बहकर संजय की मां वह रुपए जमा कर दे।

पूरा घटनाक्रम सामने आने पर झूठी सूचना देने वालों के दोनों लड़कों का 81 पुलिस एक्ट में चालान किया गया। यदि लूट की इस घटना को जल्दी नही खोला जाता तो ये धीरे धीरे तुल पकड़ जाती क्योंकि घटना लूट की थी और साथ ही पीड़ित एससी समाज से ताल्लुक रखते थे।