राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, रुद्रप्रयाग के तत्वावधान में श्रवण सप्ताह (हेयरिंग वीक) के तहत आयोजित गोष्ठी में बहरेपन व सुनने की हानि को रोकने के लिए मोबाइल के संतुलित उपयोग करने व तेज ध्वनि में संगीत सुनने से बचने पर जोर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एचसीएच मर्तोलिया ने कहा कि बहरेपन व श्रवण हानि के कारण व उसके निवारण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 03 मार्च विश्व श्रवण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में जनपद में आगामी 09 मार्च तक श्रवण सप्ताह मनाया जा रहा है।
’श्रवण सप्ताह’ के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि सभागार में आयोजित संगोष्ठी में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा0 विशाल वर्मा ने कहा कि किसी का कान बहता है तो कान में पानी और किसी प्रकार का तरल पदार्थ न डालें, मवाद आने पर साफ और नरम कपड़े से कान साफ करें, कान के मवाद में बदबू होना या खून आना गंभीर रोग के लक्षण हो सकते हैं, कान में मवाद आते रहने पर बहरापन हो सकता है। कहा कि यदि कान में कुछ रिसाव हो या कम सुनाई दे ंतो संबंधित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में जाकर अपनी जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से भी अधिक कान एवं श्रवण संबंधित रोगों का उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जा सकता है।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा परिवेश में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ रहा है, लिहाजा सभी को ऐहतियातन ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए अपने व्यवहार में कुछ परिवर्तन लाने की जरूरत है। उन्होंने तेज आवाज अथवा तेज संगीत सुनने से बचने, शोरभरी जगह पर इयरप्लग का इस्तेमाल करने, दूसरे का इयरप्लग या इयरफोन का इस्तेमाल न करने, अपनी श्रवण शक्ति की नियमित रूप जांच करने, कान में सुनने में कठिनाई होने पर तत्काल डाक्टर से सलाह लेने, डाक्टर की सलाह पर हेयरिंग एड का नियमित उपयोग करने पर जोर दिया।
वहीं जिला चिकित्सालय में ऑडियोलॉजिस्ट राखी भारद्वाज द्वारा चिकित्सालय पहुंचे मरीजों को बहरेपन के लक्षण दिखाई देने पर नजरअंदाज न करने की हिदायत भी दी गई। नहाते वक्त कान में पानी न जाने, मोबाइल फोन का संतुलित उपयोग करने, तेज ध्वनि में संगीत सुनने की आदत से बचने व ध्वनि प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचने की सावधानी बरतने की अपील की गई।
इस अवसर पर बीईओ अतुल सेमवाल, शोभित रावत, आरकेएसके काउंसलर विपिन सेमवाल, सोशल वर्कर दिगपाल कंडारी आदि मौजूद रहे।