देहरादून : विधानसभा सत्र के दौरान विधायक उमेश कुमार के द्वारा किसानों के मुद्दे को बड़ी ही बेबाकी के साथ में सदन में उठाया गया उमेश कुमार ने किसानों के साथ में हुए बड़े घोटाले का सदन में पर्दाफाश करते हुए तत्कालीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीबीआई की जांच की मांग की उमेश कुमार ने कहा है कि तत्कालीन सरकार के द्वारा गन्ना किसानों के साथ में बड़ा छल कपट किया गया है तत्कालीन सरकार के द्वारा इकबालपुर शुगर मिल कंपनी को 36 करोड रुपए का लोन एक बैठक के जरिए 14 सदस्य कमेटी गठित कर जिसमें मिल प्रबंधन वीर मौजूद था उन्हें लोन के रूप में देने का काम किया गया यह लोन किस के आदेश पर और क्यों दिया गया यह तत्कालीन सरकार पर बड़ा सवालिया निशान है जिसकी जांच होनी चाहिए उमेश कुमार ने कहा है कि इस डिफाल्टर कंपनी को जनता का पैसा क्यों देने का काम किया गया यही नहीं इकबालपुर शुगर मिल पर किसानों का लगभग 350 करोड रुपए गन्ने का बकाया है जिसका भुगतान आज तक नहीं हो पाया है और तत्कालीन सरकार के द्वारा इस डिफाल्टर कंपनी को 36 करोड रुपए का लोन दे दिया गया जो तत्कालीन सरकार और मिल प्रबंधन की बड़ी शॉर्टकट को दर्शाता है उमेश कुमार ने इस घोटाले का पर्दाफाश करते हुए कृषि मंत्री सौरव बहुगुणा को भी आड़े हाथों लिया और सौरभ बहुगुणा भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए और वह यह कहते नजर आए कि यह मामला हाई कोर्ट में विचार दिन है लेकिन इसके बावजूद उमेश कुमार यहां भी शांत नहीं हुए और उन्होंने किसानों के इस मुद्दे को बड़े ही बेबाकी के साथ में सदन में उठाने का काम कर जिस पर सरकार के मंत्री और कृषि मंत्री कोई जवाब नहीं दे पाए