उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शामून काजमी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

दसौनी ने कहा की मुफ्ती काजमी का कहना है कि पिछले 60 सालों में कांग्रेस पार्टी ने मुसलमान को पीछे धकेलने का काम किया है जो की बहुत ही आपत्तिजनक और शर्मनाक बयान है ।

दसौनी ने मुफ्ती को हिदायत देते हुए कहा कि तू इधर-उधर की ना बात कर यह बता कारवां लूटा कैसे ??
दसौनी ने कहा की उत्तराखंड देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां 749 गैर मुसलमान बच्चों को मदरसों में पढ़ाया जा रहा है। दसौनी के अनुसार देश का कोई और राज्य ऐसा नहीं है जहां मदरसों के अंदर हिंदू बच्चे पढ़ रहे हो ,और जब इस बाबत मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष। काजमी से पूछताछ की गई तो वह निरुत्तर दिखाई दिए ,उनके पास इस बात का अपनी सफाई में कोई संतोषजनक जवाब आज भी नहीं है। इसीलिए काजमी साहब को धर्म का, देश का ,मुसलमान का और कांग्रेस का ठेका लेने के बजाय अपने
मदरसौ में चल रही गड़बड़ियों पर ध्यान देना चाहिए ना की समाज को बांटने वाले भड़काऊ बयान देने पर ।
दसोनी ने कहा कि काजमी जैसे लोग ना नशुक्रे लोगो की गिनती में आते हैं जो कांग्रेस के स्कूलों से पढ़कर कॉन्ग्रेस के अस्पतालों से इलाज करा कर कांग्रेस की पेंशन खाकर कांग्रेस को ही गाली देने का काम करते हैं। दसवानी ने कहा कि काजमी जैसे लोग अवसरवादी होते हैं जो थाली के बैंगन की तरह सत्ता देखकर लुढ़कना जानते हैं और सत्ता की चकाचौंध में इतने अंधे हो जाते हैं की अपने सोचने समझने का विवेक ही खो देते हैं। दसोनी ने कहा कि काजमी को इतने निचले स्तर का बयान देने पर शर्मसार होना चाहिए।