जिलाधिकारी के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने आगामी मानसून को देखते हुए जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों से सभी जरूरी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि शुरूआती मानसून के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरती जानी जरूरी है। लिहाजा सभी विभाग अपनी तैयारियों को चुस्त-दुरस्त बनाए रखें और अतिवृष्टि से भूस्खलन आदि की वजह से अवरुद्ध सड़कों तथा बिजली एवं पेयजल की आपूर्ति को बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय।
मानसून को लेकर विभागों की तैयारियों एवं इन संबंध में पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए अपर जिलाधिकारी ने कहा कि इस काम में लापरवाही या शिथिलता बरते जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मानसून के दौरान चारधाम यात्रा को सुरक्षित व सुचारू बनाए रखने के लिए भी निर्देश देते हुए कहा कि मौसम से संबंधित जानकारी व अलर्ट को भी समय से व्यापक रूप से प्रसारित करने की व्यवस्था की जाए और आवश्यक होने पर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोके जाने की व्यवस्था की जाय।
अयोजित बैठक में अपर जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि अतिवृष्टि, भूस्खलन, सड़कों के बंद होने तथा अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं की तत्काल नियंत्रण कक्ष को जानकारी देने के साथ ही किसी भी प्रकार की आपदा या आकस्मिकता की स्थिति में संबंधित अधिकारीगण अविलंब नियंत्रण कक्ष में पहॅुंचकर परस्पर समन्वय बनाकर स्थिति से निपटने हेतु तत्परता से कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि, भूस्खलन आदि वजहों से अवरुद्ध होने वाली सड़कों तथा बिजली एवं पेयजल की आपूर्ति को बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इसके लिए रिस्पांस टाईम भी कम से कम हो। संवेदनशील स्थानों पर सड़कों को खोले जाने के लिए मशीनों व अन्य संसाधनों की नियमित तैनाती व तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए अपर जिलाधिकारी ने सीमा सड़क संगठन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिकारियों को कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए यात्रा मार्गों को निरंतर सुरक्षित और सुचारू बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि मानसून पूर्व की तैयारियों एवं विगत आपदा में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण व अनुरक्षण की प्रगति की जल्द ही फिर से समीक्षा की जाएगी। लिहाजा सभी विभाग लंबित कार्यों को तुरंत पूरा कर लें। तैयारियों व कार्यों में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। अपर जिलाधिकारी ने दुर्घटना संभावित स्थानों पर क्रश बैरियर और अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की भी हिदायत दी।
बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मानसून अवधि में संबंधित अधिकारी उनसे संबंधित सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कर लें। उन्होंने मानसून अवधि में मोटर मार्ग अवरुद्ध होने पर बिना देरी के खोले जाने हेतु तत्काल रिस्पांस करने सहित चिन्हित स्थानों पर जेसीबी, हैक्साबेटर तथा ऑपरेटर चौबीसों घंटे उपलब्ध रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मानसून अवधि से पूर्व तीन माह के खाद्यान्न संरक्षित करने, जनपद के अंतर्गत समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में सभी जरूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
अपर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को मानसून सत्र के चलते तैयारियों को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी तरह की प्राकृतिक घटना से निपटने हेतु पूरी तरह से होमवर्क कर लिया जाए। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में मानव संसाधन एवं मशीनों की तैनाती व मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में वैकल्पिक मोटर मार्गों का चिन्हिकरण करने सहित मानसून अवधि में निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने व जनपद स्तर पर खोज-बचाव उपकरणों की स्थिति, क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं, टैंकों की मरम्मत कर पेयजल आपूर्ति योजना को तैयार करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही सूचनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय द्वारा संवेदनशील स्थलों पर महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर व अन्य आवश्यक सावधानियां बरतने के नियमों के साथ फोटोग्राफ्स सहित होर्डिंग्स स्थापित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रमोद कर्नाटक, कोषाधिकारी चंद्रप्रकाश सती, अधिशासी अभियंता जल संस्थान अनीश पिल्लई, अधिशासी अभियंता सिंचाई खुशवंत सिंह चैहान, तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी, जखोली बीएल शाह, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत तिलवाड़ा वासुदेव डंगवाल सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।