पुलिस अधीक्षक यातायात जनपद हरिद्वार द्वारा अपने कार्यालय स्थित सीसीआर में मा0 उच्च न्यायालय नैनीताल, उत्तराखण्ड के समध विचाराधीन याचिका संख्या- 222 (पीआईएल)/2024 श्री अभिमन्यु भारद्वाज बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य योजित याचिका के क्रम में जनपद में संचालित ई-रिक्शा/ ई-कार्ट को हाईवे एवं मुख्य मार्गो पर प्रतिबन्धित करने एवं शहरों के आन्तरिक सड़को में संचालन हेतु मार्ग निर्धारित करने सम्बन्धी अनुतोष मांगे जाने के क्रम में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया तथा ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों के साथ एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ करने के उद्देश्य से ई रिक्शा के संचालन हेतु निम्न बिन्दुओ पर निर्णय लिये गये।

यदि कोई ई-रिक्शा हाईवे पर चलता है तो ई-रिक्शा को सीज किया जायेगा।

सभी ई-रिक्शा चालको के पास सम्पूर्ण कागजात होने चाहिए जिसके लिए सभी ई-रिक्शा यूनियन के प्रधान को निर्देशित किया गया कि वह सभी अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझते हुये युनियन के सभी ई-रिक्शा चालको निर्देशित करे कि उनके पास ई-रिक्शा सम्बन्धी सभी कागजात जैसे -फिटनेस, डी0 एल0, टैक्स व इन्श्योरेन्स पू्र्ण होने चाहिए जिन ई-रिक्शा चालको के पास उक्त सभी दस्तावेज पूर्ण नही होगें उनके ई-रिक्शा को सम्बन्धित धाराओं में सीज किया जायेगा जिसकी जिम्मेदारी ई-रिक्शा चालक व ई-रिक्शा यूनियन की होगी।

यदि जीरो जोन जैसे अपर रोड़ में अपने ई-रिक्शा चैकिंग के दौरान बिना पास के पाया जाता है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

सभी ई-रिक्शा पर रुट चार्ट व रेट लिस्ट चस्पा की जाए जिससे जनपद में आने वाले यात्री से किसी ई-रिक्शा चालक द्वारा मनमाना किराया न वसूला जाए।

सभी ई-रिक्शा वर्तमान में लागू वन-वे प्लान के अनुरुप ही चलाए जायेगे।

यदि कोई ई-रिक्शा वन वे प्लान का पालन नही करता है तो उसके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

यूनियन के साथ सहमति से शहर के आन्तरिक क्षेत्र में 16 रुटों का निर्धारण किया गया ।