28 मई को विजय नगर के एक किराने की दुकान पर गोमांस पाए जाने की घटना पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसको निंदनीय बताया है ।उन्होंने कहा “गौमाता का माँस देश की राजधानी में दुकानों पर बिकता हुआ लोगों को उपलब्ध हो रहा है, और जब लोग इसके खिलाफ़ आवाज उठाते है तो कुछ लोग (SFI, AISA व अन्य संगठन) के लोग कह रहे है कि अन्याय हो रहा है । प्रदर्शन करते हुए लोग ये भी कह रहे है कि गौ मांस खाना हमारा मौलिक अधिकार है ।” उन्होंने कहा “ये बिल्कुल गलत बात है गोमाता हम हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं वो किसी का भोजन नहीं हो सकती ।
भोजन की आजादी का मतलब ये नहीं है कि किसी की आस्था जिससे जुड़ी हुई हो आप उसे काट काट कर खाने लग जाओ।” उन्होंने वीडियो संदेश में आगे कहा “ये भारत देश में गलत परंपरा बनती जा रही है अब दिल्ली के केंद्र में लोग गौ मांस का भक्षण करने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहें है । जब वामपंथी अपनी विचारधारा को प्रकट करने के लिए आगे आ सकते हैं तो सनातनी हिंदू और गौमाता के भक्त क्यों चुप बैठे हैं ? उन्हें भी आगे आना चहिए और ये बता देना चाहिए कि अब हम गौ माता को बोटी बोटी कटते हुए देखने को तैयार नहीं ।
जब से हमको गौ भक्त क्षितिज पांडे ने हमको ये सूचना दी है हमारे मन में पीड़ा है और इसलिए हम ये कहना चाहते है कानून को बिना हाथ में लिए दृढ़ता से गौ भक्तों को अपनी बात कहने के लिए आगे आना होगा । एक जून रविवार को गौ भक्तों का प्रदर्शन है जिसमे भारी संख्या में हिंदुओं को सम्मलित होना चाहिए और अपनी बात दिल्ली और केंद्र सरकार के सामने रखना चाहिए ।” उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार से अपील करते हुए आगे कहा कि “सरकारों को भी आगे आना चाहिए और गौ भक्तों की भावनाओं का संरक्षण करना चाहिए अन्यथा पीड़ा गहराती जाएगी जिसका कुफल ही होगा सुफल नहीं होगा ।”