देहरादून : जलीयांवाला बाग कांड ने सुधारवादी गांधी को क्रांतिकारी गांधी में परिवर्तित कर दिया और उसका परिणाम यह हुआ कि महात्मा गांधी के मन मस्तिक्ष में पूर्ण स्वराज की मांग का बीज रोपित हो गया यह बात आज जलीयांवाला बाग कांड की 105 वीं बरसी पर कांवली में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित श्रध्दांजलि सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही। उन्होंने कहा कि जलीयांवाला बाग कांड से पहले महात्मा गांधी और कांग्रेस भारतीयों को अंग्रेजों से रियायत व नागरिक अधिकार दिलवाने के लिए पैरवी और लड़ाई लड़ते थे और रॉयल्ट ऐक्ट के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के महात्मा गांधी के आह्वान पर अमृतसर के जलीयांवाला बाग में हुए इस विभत्स कांड किंतु की बर्बरता व क्रूरता तथा उसमें निहत्ते लोगों पर बरसाई गयी गोलियों से हुए नरसंहार से महात्मा गांधी अंदर तक हिल गए और उनके अंदर यह भावना ने जन्म ले लिया कि अब अंग्रेजों से आग्रह और मांग नहीं बल्कि संघर्ष होगा और बिना पूर्ण स्वराज के संघर्ष नहीं थमेगा। अंग्रेज़ी हुकूमत द्वारा जलीयांवाला बाग कांड की जांच के लिए बनाई गई हंटर कमीशन की रिपोर्ट जिसमें कांड के सबसे बड़े खलनायक पंजाब के तत्कालीन गवर्नर जनरल ओ डायर की प्रशंशा की गई व ब्रिगेडियर जनरल डायर को केवल स्थानांतरित किया गया उससे पूरे भारत में असंतोष व आक्रोश की चिंगारी फैल गयी और फिर कांग्रेस ने जो देश व्यापी स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया उसकी परिणीति 15 अगस्त 1947 में भारत की आज़ादी हुई।
श्री धस्माना ने कहा कि वे सैकड़ों हज़ारों लोग जिनमें से अधिकांश के नाम हमको व आज की पीढ़ियों को नहीं पता ये उनकी कुर्बानियों का नतीजा है कि हम आज आज़ाद देश में सांस ले रहे हैं और इसलिए हम सब का कर्तव्य है कि हम देश की आज़ादी व लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने के लिए सब संकल्प लें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ओ एन जी सी के पूर्व अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह राज ने व संचालन अवधेश कथीरिया ने किया। बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद नाथूराम धोबी के चित्र पर माल्यार्पण किया।